Anupama 7 May 2025 Full Episode Written Update: माही-आर्यन का प्यार और पराग का गुस्सा

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आज के एपिसोड की शुरुआत में राघव प्रेम से पूछता है कि क्या मेरी वजह से कुछ हुआ है?
प्रेम राय की बातें याद करता है और कहता है कि अभी बहुत कुछ चल रहा है और सब कुछ इतना उलझा हुआ है कि कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है।
राघव कहता है कि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से अनुपमा जी को कोई प्रॉब्लम हो। साथ ही राही भी मुझसे अभी तक नाराज है।
प्रेम राघव को सांत्वना देता है और कहता है कि इस वक्त राही के गुस्से की वजह आप नहीं बल्कि कोई और है।
तभी प्रेम को राही का फोन आता है और वह कहती है कि आर्यन आ रहा है तो वह भी जल्दी आए।
प्रेम जाने लगता है, तभी राघव उसे रोकता है और कहता है कि मैं तजुर्बे से बता रहा हूं — कोई भी रिश्ता तभी आगे बढ़ता है जब एक आग बने तो दूसरा पानी बनने की कोशिश करें।
प्रेम समझ जाता है और चला जाता है।
राघव भगवान से प्रार्थना करता है कि अनुपमा की जिंदगी में उसकी वजह से कोई और मुसीबत ना आए।
दूसरी तरफ सभी आर्यन का इंतजार कर रहे होते हैं। तभी आर्यन और प्रेम वहां आते हैं।
आर्यन माही से पूछता है कि उसने क्यों बुलाया?
माही बताती है कि राही उस पर इल्जाम लगा रही है कि वह आर्यन से प्यार का नाटक कर रही है।
लेकिन माही साफ कहती है कि आर्यन को तो पहली नजर में ही उससे प्यार हो गया था।
आर्यन माही का साथ देता है और राही से कहता है कि माही ने अपने अतीत के बारे में उसे पहले ही सब कुछ बता दिया है।

फिर वह राही से पूछता है कि अब उसे क्या समस्या है जब यह सब बातें पहले ही हो चुकी हैं?
माही राही पर आरोप लगाती है कि वह उसकी खुशी देख नहीं पा रही।
वह कहती है कि जब तुम और प्रेम मुझे मूव ऑन करने की सलाह दे रहे थे तब सब ठीक था।
लेकिन अब जब मैंने आर्यन का प्यार स्वीकार कर लिया है और मैं मूव ऑन कर रही हूं तो सब मेरे खिलाफ खड़े हो गए हैं।

माही अपनी गलतियों को भी स्वीकार करती है और माफी मांगती है।
आर्यन साफ शब्दों में कहता है कि चाहे पूरा परिवार उनके खिलाफ हो जाए लेकिन वह सिर्फ माही से शादी करेगा।

दूसरी तरफ मोटीबा अपना फोन ढूंढ रही होती है और तभी वह पराग को शांत बैठे हुए देखती है।
वह पराग से बात करने की कोशिश करती है लेकिन पराग कुछ नहीं बोलता है।
मोटीबा परेशान हो जाती है और पूरे परिवार को बुलाती है।
वह कहती है कि पराग को क्या हो गया है?
सभी पराग से पूछते हैं कि क्या हुआ है?
पराग कहता है कि मुझे चोट लगी है। सभी हैरान होते हैं।

तभी पराग गुस्से में उठकर मोटी बा पर चिल्लाता है कि आपने मुझे चोट पहुंचाई है।
पराग गुस्से में कहता है कि आपने मुझसे पंखुड़ी का सच छुपाया।
वह जिंदा थी और आपको सब सच पता था।
आपने राघव को झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवाया और मुझे मेरी बहन से दूर रखा।
आपने पंखुड़ी के गलत काम में उसका साथ दिया और उसकी मौत का फेक ड्रामा किया।
आपने ऐसा क्यों किया?

गौतम प्रार्थना को इशारा करता है कि वह मोटीबा का असली चेहरा देख ले।
ख्याति भी पूछती है कि आपने इतनी बड़ी सच्चाई क्यों छुपाई?
पराग गुस्सा करता है और कहता है कि आपने राघव को बिना किसी जुर्म के जेल भिजवाया और मुझे भी इस गलत काम में शामिल किया।
अगर पंखुड़ी उससे पीछा छुड़ाना चाहती थी तो आप मुझे कहती, मैं राघव से बात करता और सब ठीक कर देता।
लेकिन आपने इतना बड़ा धोखा क्यों किया?

पराग गुस्से में मोटीबा से जवाब मांगता है।
मोटीबा कहती है कि हमने गलती की है लेकिन तुम राघव की तरफदारी मत करो।
वह पंखुड़ी पर अत्याचार करता था। तुम अगर उससे बात करते तो वह तुम्हारा गुस्सा पंखुड़ी पर निकालता।
हमने जो किया अपनी बेटी के लिए किया था।
मोटीबा साफ कहती है कि उन्होंने जो किया वह एकदम सही किया।

दूसरी तरफ माही अनुपमा से कहती है कि मैं आपको अपना सब कुछ मानती हूं।
आपने प्रेम के समय राही का साथ दिया था। लेकिन इस बार मेरा साथ दीजिए।
प्लीज हमें आशीर्वाद दीजिए। राही मना करने का इशारा करती है।
अनुपमा दुविधा में पड़ जाती है कि वह अब क्या करें?
माही और आर्यन अनुपमा को बोलने के लिए कहते हैं।

अनुपमा कहती है कि मैं बिना किसी के दबाव के और निष्पक्ष होकर यह बोल रही हूं कि तुम दोनों जल्दबाजी कर रहे हो। अनुपमा उन्हें इस रिश्ते को थोड़ा समय देने की सलाह देती है। राही कहती है कि आर्यन को अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए।
लेकिन आर्यन साफ कहता है कि वह जानता है कि वह क्या कर रहा है और वह बहुत जल्द माही से शादी करने वाला है।
माही दोबारा अनुपमा से उसका साथ और आशीर्वाद मांगती है।

अनुपमा अतीत की घटनाओं को याद करती है और परेशान होकर दुविधा में पड़ जाती है।  दूसरी तरफ अनिल पराग को समझाता है कि अब केस बंद हो गया है तो अब सब भूल जाना चाहिए।
पराग मोटीबा से कहता है कि मैं सूरज जाने वाला था और मैं जाना कैंसिल कर रहा था।
लेकिन अब मैं जरूर जाऊंगा क्योंकि मुझे आपकी शक्ल भी नहीं देखनी है।

मोटीबा चौंक जाती है।
पराग कहता है कि अगर राघव वाकई में पंखुड़ी को परेशान कर रहा था तो तलाक का रास्ता भी था।
उस पर घरेलू हिंसा का केस करके भी जेल भेज सकते थे।

लेकिन उसे हत्या के झूठे केस में 20 साल की सजा दिलाना विश्वासघात है।
पराग ऑफिस की जिम्मेदारी अनिल और आर्यन को सौंप देता है और गुस्से में वहां से चला जाता है।
इसी बीच गौतम प्रार्थना पर दबाव बनाता है कि वह यहीं रुकने की बात करें।
लेकिन प्रार्थना साफ इंकार कर देती है।

मोटीबा ख्याति और मीता से मिन्नतें करती है कि वह पराग को मना लें।
वह कहती है कि पंखुड़ी को खोने के बाद मैं पराग को नहीं खो सकती।
ख्याति मोटीबा को संभालती है और कहती है कि जिस तरह पराग ने मेरी मजबूरी को समझा था वैसे वह आपकी मजबूरी को भी समझेंगे। मोटीबा दुखी होकर रोने लग जाती है।
ख्याति उन्हें सांत्वना देती है और पराग को थोड़ा समय देने के लिए कहती है।

दूसरी तरफ प्रेम और राही कमरे में आते हैं।
राही गुस्सा होती है। प्रेम राही से पूछता है कि वह माही और आर्यन के रिश्ते को क्यों नहीं मानती?
राही कहती है कि मैं माही को अच्छे से जानती हूं। वह अपनी मां के जैसी ही है।
प्रेम कहता है कि तुम तो खुद उसे मीता की मदद करने के लिए घर लेकर आई थी और अब उसे गलत बोल रही हो।

राही कहती है कि मैं उसका ध्यान काम में लगाना चाहती थी ताकि वह व्यस्त रह सके।
राही कहती है कि मुझे पूरा विश्वास है कि माही अभी भी तुमसे प्यार करती है। यह सुनकर प्रेम हैरान हो जाता है।
दूसरी तरफ अनुपमा अंदर ही अंदर उलझन में होती है और सारी बातें याद करके परेशान होती है।

इधर राही अपने मन की बात बताती है कि मुझे माही की हरकतों से साफ पता चलता है कि वह तुम्हारे करीब आने का कोई मौका नहीं छोड़ती है और परी ने भी मुझे इसके लिए चेतावनी दी थी।
प्रेम कहता है कि तुम कुछ ज्यादा ही सोच रही हो। हो सकता है कि माही बदल गई हो।

वह राही को सकारात्मक सोचने के लिए कहता है।
राही कहती है कि एक तो माही ने परेशान कर दिया है और दूसरा उस राघव ने।प्रेम हैरान होता है।
दूसरी तरफ माही अनुपमा के पास आती है।
वह अनुपमा के सामने इमोशनल ड्रामा करती है और कहती है प्लीज मेरी और आर्यन की शादी करवा दीजिए।

दूसरी तरफ प्रेम राही से पूछता है कि राघव से वह क्यों परेशान है?
राही कहती है कि मैं नहीं चाहती कि अनुपमा की जिंदगी में परिवार वालों के अलावा कोई दूसरा आदमी आए।
मुझे लगता है कि उन दोनों के बीच में कुछ चल रहा है।
यह सुनकर प्रेम चौंक जाता है और गुस्से में कहता है कि तुम अपनी मां के बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकती हो?
वह अनुज के अलावा किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकती।

राही कहती है कि मुझे मेरी मां पर पूरा विश्वास है लेकिन उस राघव पर नहीं है।
वह मेरी मां को मैनिपुलेट कर सकता है।
राही जाने लगती है।
तभी प्रेम कहता है कि आर्यन और माही के बीच आने की कोशिश मत करना।
इस पर राही कहती है कि ऐसा करने की उसे कोई जरूरत नहीं है क्योंकि मोटी बा और पराग इस रिश्ते के लिए कभी सहमति नहीं देंगे।

प्रेम हैरान रह जाता है।
दूसरी तरफ अनुपमा माही को सलाह देती है कि जल्दबाजी मत करो।
आर्यन को और अच्छे से समझो।

माही एक बार फिर अनुपमा से कहती है कि प्लीज हमारे रिश्ते को मंजूरी दे दीजिए।
लेकिन अनुपमा साफ कहती है कि चार मुलाकातें किसी को जानने के लिए काफी नहीं होती।
थोड़ा समय दो और एक दूसरे को समझो।
इसी के साथ एपिसोड खत्म हो जाता है।

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